नीम लेपित यूरिया
खेतों में रासायनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से जमीन के नीचे नाइट्रोजन की एक लेयर बन जाती हैं। जो फसल मिटटी में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर सकता हैं जो नीम कोटेड यूरिया के इस्तेमाल से नाइट्रोजन लेयर नहीं बन पाती हैं। इस लिए भूमि के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमन्द हैं।
नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता हैं। ये लेप नाइट्रिफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता हैं। मीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता हैं। जिसके कारण फसलों का आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्व की उपलब्धता होती हैं और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती हैं।
नीम लेपित यूरिया को इस्तेमाल करने के निम्नलिखित फ़ायदे होतें हैं।
१- कृषि लागत में कमी
२- किसानो की आय में वृद्धि
३- 5 से 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत
४- 10 से 15 प्रतिशत तक उपज में वृद्धि यूरिया का आयात कम होगा
५- नाइट्रोजन के धीरे-धीरे निकलने के कारण मृदा उर्वरा को मदद मिलती हैं।
६- मीम कोटेड यूरिया इस्तेमाल से खेती की लागत घटती हैं और साथ ही जमीन को उर्वरा शक्ति भी बढ़ती हैं।
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2 comments
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