Scientific Cultivation of Ginger
अदरक की वैज्ञानिक खेती
Suitable Soil (उपयुक्त मिट्टी):- जल निकास युक्त भुरभुरी दोमट मिट्टी।
Thriving Species (उन्नतशील प्रजाति):- सुप्रभा, सुरुचि, सुरभि,वरद, हीमगिरी, बरुआ सागर आदि।
Sowing Time (बुआई का समय):- मई-जून में सिंचित व असिंचित दोनों क्षेत्रों में खेती सम्भव।
Seed Quantity and Quality (बीज की मात्रा व गुणवत्ता):- 14-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर। बीज स्वस्थ हो एवं प्रत्येक कंद में कम से कम 2-4 आँखे हो।
Planting Seeds (बीज लगाना):- कतार की दूरी 25-30 सेंटीमीटर पौधों की दूरी 15-20 सेंटीमीटर।
Mulching (मल्चिंग):- बुआई के बाद सुखी पत्तियों, पुआल अथवा खर-पतवार से नालियों को ढके।
Mud Plating (मिट्टी चढ़ाना):- बीज बुआई के 3-4 माह बाद प्रथम बार मिट्टी चढ़ाना चाहिए, इसके पश्चात कंद को ढकने के लिए एक-दो बार मिट्टी चढ़ाना आवश्यक हैं।
Manure and Fertilizer (खाद एवं उर्वरक):- गोबर खाद-300 क्विंटल, नाइट्रोजन - 75 किलोग्राम (तीन बार में 1/3 बुआई के समय शेष दो भाग 40-40 दिनों में दे। ), फास्फोरस - 75 किलोग्राम (बुआई करते समय) तथा पोटाश - 100 किलोग्राम (बुआई करते समय) ।
Plant Protection
पौध रक्षा
Kit (किट):- शूट बोरर (प्ररोह बेधक) तने को छेदकर काटने से पौधे सूख जातें हैं। उपचार हेतु इंडोसल्फान 35 ई. सी. 1.2 लीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव।
Disease (रोग):- साफ्ट राट (पीत रोग):- पत्तिओं का सिरा पीला होना तथा यह पीलापन बढ़कर कंद तक पहुँच जाता हैं और पत्तियां सूख जाती हैं, जिससे कंद सड़ जाता हैं। उपचार हेतु डायथेन एम-45, 0.3 प्रतिशत घोल में 30 मिनट तक बीज को डुबाए। तत्पचात बुआई हेतु प्रयोग करें।
Bacterial Wilt and Leaf Spot (बैक्टेरियल विल्ट एवं लीफ स्पाट):- पौधे पीले पढ़कर सूखने लगते हैं और पत्तियों पर काले-भूरे रंग के धब्बे हो जातें हैं। उपचार हेतु डायथेन जेड-78 या डायथेन एम-45 का 0.2 प्रतिशत का छिड़काव।
Crop Production (फसल उत्पादन):- बुआई के 6-8 माह बाद जब पौधे पीले पड़कर सूखने लगे तो खुदाई कर सकतें हैं। उत्पादन 125-150 क्विंटल प्रति हैक्टेयर।
Post Harvest Management (पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट):- अदरक की खुदाई कर छायादार जगह पर दो-तीन दिन सुखाये।
NOTE:- भंडारण हेतु छायादार जगह पर 5X5 फिट गहराई एवं चौड़ाई का गड्ढ़ा खोदकर नीचे धान की भूसी / रेत बिछाकर अदरक को शंकु आकार में जमाकर रखना चाहिए। समय-समय पर निगरानी रखें। ध्यान रखें की वर्षा होने पर अंदर पानी न प्रवेश करे।
Other Information
अन्य जानकारी
- अदरक तीखा, गर्म, क्षुधावर्धक, दस्तावर, वातनाशक, एवं कृमि नाशक होता हैं।
- उत्तम किस्म की अदरक के कम रेशे एवं पंजे के आकार (75-100 ग्राम ) एवं 8-10 गाँठे होनी चाहिए।
- पुराने बगीचों के अंतरवर्तीय फसल के रूप में अदरक की खेती सफलता पूर्वक होती हैं। पुराने बगीचों में काफी मात्रा में जीवांश (ह्यूमस) रहती हैं एवं वर्षान्त तक नमी बरकरार रहती हैं जो अधिक उत्पादन में सहायक होती हैं। पुराने बगीचों के रखरखाव के साथ ही अदरक की खेती कर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकतें हैं।
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